॥ आरती श्री श्यामबाबा की ॥
॥ Aarti Shri Shyam Baba Ki ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे , बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रुप धरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे……
रत्न जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुले ।
तन केशरिया बागों, कुण्डल श्रवण पडे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे……
गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर, दिपक ज्योती जले॥
ॐ जय श्री श्याम हरे……
मोदक खीर चुरमा, सुवरण थाल भरें ।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करें ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे……
झांझ कटोरा और घसियावल, शंख मृंदग धरे।
भक्त आरती गावे, जय जयकार करें ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे……
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम श्याम उचरें ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे……
श्रीश्याम बिहारीजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत मनोहर स्वामी मनवांछित फल पावें ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे….
ॐ जय श्री श्याम हरे , बाबा जय श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुम ने पूर्ण काज करें ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे……
ॐ जय श्री श्याम हरे , बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटू धाम विराजत , अनुपम रुप धरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…
॥ इति आरती श्री श्यामबाबा सम्पूर्णम ॥