अग्निवास
सभी हवन जो किसी कामना के साथ किये जा रहें हो, वे तभी किये जाने चाहिये जब अग्नि का निवास केवल पृथ्वी पर ही हो।
हालाँकि, अन्य गतिविधियों के लिये जो नियमित है, अग्निवास को नहीं माना जाता है। उदहारण के तौर पर नवरात्रि में
चण्डी यज्ञ, अग्निहोत्र द्वारा किया जाने वाला नित्य हवन, ग्रहण के दौरान हवन, अमावस्या पर, उपवास के दिन, संस्कार
से सम्बन्धित कार्य जैसे मुण्डन, उपनयन समारोह, विवाह, यात्रा आदि के लिये अग्निवास को नहीं माना जाता है।
अग्निवास तिथि और सप्ताह के दिन के संयोजन पर निर्भर होता है। अग्नि तीन स्थानों में से किसी एक में निवास कर सकती
है -
पृथ्वी - सुख-सुविधा प्रदान करती है।
आकाश - जीवन के लिये हानिकारक।
पाताल - धन को नष्ट करती है।
स्थान |
अमृतसर, पंजाब, भारत |
तिथि |
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वार |
शुक्रवार |
नक्षत्र |
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सूर्यौदय |
14 Feb 2025 07:17:19 |
सूर्यास्त |
14 Feb 2025 18:12:22 |
चंद्रोदय |
14 Feb 2025 20:00:52 |
चंद्रस्थ |
15 Feb 2025 08:37:45 |
योग |
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अतिगण्ड |
13 Feb 2025 07:31:11 से 14 Feb 2025 07:20:02 तक |
सुकर्मा |
14 Feb 2025 07:20:03 से 15 Feb 2025 07:32:29 तक |
शुभ काल |
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अभिजीत मुहूर्त |
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अमृत काल |
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ब्रह्म मुहूर्त |
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अशुभ काल |
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राहू |
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यम गण्ड |
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कुलिक |
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दुर्मुहूर्त |
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वर्ज्यम् |
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