॥ आरती अहोई माता की ॥
॥ Aarti Ahoi Mata Ki ॥
ज़य अहोई माता ज़य अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावत हरि विष्णु धाता॥ १ ॥
ब्राहमणी रुद्राणी कमला तू हे है जग दाता।
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता॥ २ ॥
माता रूप निरंजन सुख संपत्ती दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता॥ ३ ॥
तू हे है पाताल बसंती तू हे है सुख दाता।
कर्मा प्रभाव प्रकाशक जज्निदधि से त्राता॥ ४ ॥
जिस घर तारो वास वही में गुण आता।
कर ना सके सोई कर ले मन नहीं घबराता॥ ५ ॥
तुम बिन सुख ना होवय पुतरा ना कोई पाता।
खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता॥ ६ ॥
सुभ गुण सुन्दर युक्ता शियर निदधि जाता।
रतन चतुर्दर्श तौकू कोई नहीं पाता॥ ७ ॥
श्री अहोई मा की आरती जो कोई गाता।
उर् उमंग अत्ती उपजय पाप उत्तर जाता॥ ८ ॥
॥ इति आरती अहोई माता सम्पूर्णम ॥
स्थान |
अमृतसर, पंजाब, भारत |
तिथि |
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वार |
शुक्रवार |
नक्षत्र |
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सूर्यौदय |
02 May 2025 05:48:28 |
सूर्यास्त |
02 May 2025 19:06:56 |
चंद्रोदय |
02 May 2025 09:28:39 |
चंद्रस्थ |
03 May 2025 00:30:40 |
योग |
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धृति |
02 May 2025 05:38:28 से 03 May 2025 03:19:41 तक |
शूल |
03 May 2025 03:19:42 से 04 May 2025 01:40:41 तक |
शुभ काल |
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अभिजीत मुहूर्त |
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ब्रह्म मुहूर्त |
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अशुभ काल |
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राहू |
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यम गण्ड |
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कुलिक |
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दुर्मुहूर्त |
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वर्ज्यम् |
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