॥ आरती श्री गुरु गोरख नाथ जी की ॥
॥ Aarti Shri Guru Gorakh Nath Ji Ki ॥
जय गोरख देवा जय गोरख देवा ।
कर कृपा मम ऊपर नित्य करूँ सेवा ।
शीश जटा अति सुंदर भाल चन्द्र सोहे ।
कानन कुंडल झलकत निरखत मन मोहे ।
गल सेली विच नाग सुशोभित तन भस्मी धारी ।
आदि पुरुष योगीश्वर संतन हितकारी ।
नाथ नरंजन आप ही घट घट के वासी ।
करत कृपा निज जन पर मेटत यम फांसी ।
रिद्धी सिद्धि चरणों में लोटत माया है दासी ।
आप अलख अवधूता उतराखंड वासी ।
अगम अगोचर अकथ अरुपी सबसे हो न्यारे ।
योगीजन के आप ही सदा हो रखवारे ।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हारा निशदिन गुण गावे ।
नारद शारद सुर मिल चरनन चित लावे ।
चारो युग में आप विराजत योगी तन धारी ।
सतयुग द्वापर त्रेता कलयुग भय टारी ।
गुरु गोरख नाथ की आरती निशदिन जो गावे ।
विनवित बाल त्रिलोकी मुक्ति फल पावे ।
॥ इति आरती श्री गुरु गोरख नाथ जी सम्पूर्णम ॥
स्थान |
अमृतसर, पंजाब, भारत |
तिथि |
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वार |
मंगलवार |
नक्षत्र |
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सूर्यौदय |
28 Oct 2025 06:47:27 |
सूर्यास्त |
28 Oct 2025 17:40:48 |
चंद्रोदय |
28 Oct 2025 12:40:40 |
चंद्रस्थ |
28 Oct 2025 22:42:06 |
योग |
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सुकर्मा |
27 Oct 2025 07:26:21 से 28 Oct 2025 07:50:28 तक |
धृति |
28 Oct 2025 07:50:29 से 29 Oct 2025 07:50:46 तक |
शुभ काल |
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अभिजीत मुहूर्त |
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अमृत काल |
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ब्रह्म मुहूर्त |
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अशुभ काल |
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राहू |
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यम गण्ड |
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कुलिक |
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दुर्मुहूर्त |
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वर्ज्यम् |
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