!!अत्यंत दुर्लभ भैरव साबर मन्त्र!!
ॐ गुरु जी सत नाम आदेश आदि पुरुष को !
काला भैरूं, गोरा भैरूं, भैरूं रंग बिरंगा !!
शिव गौरां को जब जब ध्याऊं, भैरूं आवे पास
पूरण होय मनसा वाचा पूरण होय आस
लक्ष्मी ल्यावे घर आंगन में,
जिव्हा विराजे सुर की देवी ,खोल घडा दे दड़ा !!
काला भैरूं खप्पर राखे,गौरा झांझर पांव
लाल भैरूं,पीला भैरूं,पगां लगावे गाँव
दशों दिशाओं में पञ्च पञ्च भैरूं !!
पहरा लगावे आप !दोनों भैरूं मेरे संग में चालें
बम बम करते जाप !! बावन भैरव मेरे सहाय हो
गुरु रूप से ,धर्म रूप से,सत्य रूप से, मर्यादा रूप से,
देव रूप से, शंकर रूप से, माता पिता रूप से,
लक्ष्मी रूप से,सम्मान सिद्धि रूप से,
स्व कल्याण जन कल्याण हेतु सहाय हो,
श्री शिव गौरां पुत्र भैरव !!
शब्द सांचा पिंड कांचा चलो मंत्र ईश्वरो वाचा !!
इस मन्त्र को मात्र 11 बार रोज जपने की आज्ञा है ! चार लड्डू बूंदी के ,मन्त्र बोलकर 7 रविवार को काले कुत्ते को खिलाएं !!
स्थान |
अमृतसर, पंजाब, भारत |
तिथि |
|
वार |
गुरुवार |
नक्षत्र |
|
सूर्यौदय |
27 Mar 2025 06:29:27 |
सूर्यास्त |
27 Mar 2025 18:42:43 |
चंद्रोदय |
27 Mar 2025 05:05:12 |
चंद्रस्थ |
27 Mar 2025 16:31:35 |
योग |
|
साध्य |
26 Mar 2025 12:25:26 से 27 Mar 2025 09:24:51 तक |
शुभ |
27 Mar 2025 09:24:52 से 28 Mar 2025 05:56:32 तक |
शुक्ल |
28 Mar 2025 05:56:33 से 29 Mar 2025 02:06:55 तक |
शुभ काल |
|
अभिजीत मुहूर्त |
|
अमृत काल |
|
ब्रह्म मुहूर्त |
|
अशुभ काल |
|
राहू |
|
यम गण्ड |
|
कुलिक |
|
दुर्मुहूर्त |
|
वर्ज्यम् |
|