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Shri Das Mahavidya Kavach

॥ श्री दशमहाविद्या कवचम् ॥
॥ Shri Das Mahavidya Kavach ॥

॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥

॥ विनियोगः ॥
ॐ अस्य श्रीमहाविद्याकवचस्य श्रीसदाशिव ऋषिः उष्णिक् छन्दः
श्रीमहाविद्या देवता सर्वसिद्धीप्राप्त्यर्थे पाठे विनियोगः ।

॥ ऋष्यादि न्यासः ॥
श्रीसदाशिवऋषये नमः शिरसी उष्णिक् छन्दसे नमः मुखे
श्रीमहाविद्यादेवतायै नमः हृदि सर्वसिद्धिप्राप्त्यर्थे
पाठे विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे ।

॥ मानसपुजनम् ॥
ॐ पृथ्वीतत्त्वात्मकं गन्धं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे समर्पयामि नमः ।
ॐ हं आकाशतत्त्वात्मकं पुष्पं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे समर्पयामि नमः ।
ॐ यं वायुतत्त्वात्मकं धूपं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे आघ्रापयामि नमः ।
ॐ रं अग्नितत्त्वात्मकं दीपं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे दर्शयामि नमः ।
ॐ वं जलतत्त्वात्मकं नैवेद्यं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे निवेदयामि नमः ।
ॐ सं सर्वतत्त्वात्मकं ताम्बूलं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे निवेदयामि नमः।

॥ अथ श्री महाविद्याकवचम् ॥
ॐ प्राच्यां रक्षतु मे तारा कामरूपनिवासिनी ।
आग्नेय्यां षोडशी पातु याम्यां धूमावती स्वयम् ॥ १॥
नैरृत्यां भैरवी पातु वारुण्यां भुवनेश्वरी ।
वायव्यां सततं पातु छिन्नमस्ता महेश्वरी ॥ २॥

कौबेर्यां पातु मे देवी श्रीविद्या बगलामुखी ।
ऐशान्यां पातु मे नित्यं महात्रिपुरसुन्दरी ॥ ३॥
ऊर्ध्वं रक्षतु मे विद्या मातङ्गीपीठवासिनी ।
सर्वतः पातु मे नित्यं कामाख्या कालिका स्वयम् ॥ ४॥

ब्रह्मरूपा महाविद्या सर्वविद्यामयी स्वयम् ।
शीर्षे रक्षतु मे दुर्गा भालं श्रीभवगेहिनी ॥ ५॥
त्रिपुरा भ्रुयुगे पातु शर्वाणी पातु नासिकाम् ।
चक्षुषी चण्डिका पातु श्रोत्रे निलसरस्वती ॥ ६॥

मुखं सौम्यमुखी पातु ग्रीवां रक्षतु पार्वती ।
जिह्वां रक्षतु मे देवी जिह्वाललनभीषणा ॥ ७॥
वाग्देवी वदनं पातु वक्षः पातु महेश्वरी ।
बाहू महाभुजा पातु कराङ्गुलीः सुरेश्वरी ॥ ८॥

पृष्ठतः पातु भीमास्या कट्यां देवी दिगम्बरी ।
उदरं पातु मे नित्यं महाविद्या महोदरी ॥ ९॥
उग्रतारा महादेवी जङ्घोरू परिरक्षतु । ??
उग्रातारा गुदं मुष्कं च मेढ्रं च नाभिं च सुरसुन्दरी ॥ १०॥

पादाङ्गुलीः सदा पातु भवानी त्रिदशेश्वरी ।
रक्तमांसास्थिमज्जादीन् पातु देवी शवासना ॥ ११॥
महाभयेषु घोरेषु महाभयनिवारिणी ।
पातु देवी महामाया कामाख्यापीठवासिनी ॥ १२॥

भस्माचलगता दिव्यसिंहासनकृताश्रया ।
पातु श्रीकालिकादेवी सर्वोत्पातेषु सर्वदा ॥ १३॥
रक्षाहीनं तु यत्स्थानं कवचेनापि वर्जितम् ।
तत्सर्वं सर्वदा पातु सर्वरक्षणकारिणी ॥ १४॥

॥ इति श्री दश महाविद्या कवचम् सम्पूर्णाम ॥

आज का पंचांग ( Fri 13 Sep 2024 )

स्थान

अमृतसर, पंजाब, भारत

तिथि

  • दशमी, 12 Sep 2024 23:33:20 से 13 Sep 2024 22:30:38 तक
  • एकादशी, 13 Sep 2024 22:30:39 से 14 Sep 2024 20:41:52 तक

वार

शुक्रवार

नक्षत्र

  • पूर्वाषाढ़ा, 12 Sep 2024 21:52:58 से 13 Sep 2024 21:35:42 तक
  • उत्तराषाढ़ा, 13 Sep 2024 21:35:43 से 14 Sep 2024 20:32:40 तक

सूर्यौदय

13 Sep 2024 06:17:23

सूर्यास्त

13 Sep 2024 18:34:48

चंद्रोदय

13 Sep 2024 15:32:37

चंद्रस्थ

14 Sep 2024 01:28:55

योग

सौभाग्य

12 Sep 2024 22:40:57 से 13 Sep 2024 20:48:00 तक

शोभन

13 Sep 2024 20:48:01 से 14 Sep 2024 18:17:36 तक

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त

  • 13 Sep 2024 12:01:26 से 13 Sep 2024 12:50:35 तक

अमृत काल

  • 13 Sep 2024 16:50:58 से 13 Sep 2024 18:25:48 तक

ब्रह्म मुहूर्त

  • 13 Sep 2024 04:41:14 से 13 Sep 2024 05:29:15 तक

अशुभ काल

राहू

  • 13 Sep 2024 10:53:53 से 13 Sep 2024 12:26:03 तक

यम गण्ड

  • 13 Sep 2024 15:30:23 से 13 Sep 2024 17:02:33 तक

कुलिक

  • 13 Sep 2024 07:49:33 से 13 Sep 2024 09:21:43 तक

दुर्मुहूर्त

  • 13 Sep 2024 08:44:50 से 13 Sep 2024 09:33:59 तक
  • 13 Sep 2024 12:50:35 से 13 Sep 2024 13:39:44 तक

वर्ज्यम्

  • 13 Sep 2024 07:21:58 से 13 Sep 2024 08:56:58 तक
  • 14 Sep 2024 05:14:43 से 14 Sep 2024 06:46:43 तक