॥ श्री गणेश जी की आरती ॥
॥ Shri Ganesh Ji Ki Aarti ॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ।
माता जाकी पारवती पिता महादेवा ॥
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी ।
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी ॥
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥
अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया ।
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया ॥
सूर श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा ।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ॥
॥ इति आरती श्री गणेश सम्पूर्णम ॥
स्थान |
अमृतसर, पंजाब, भारत |
तिथि |
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वार |
मंगलवार |
नक्षत्र |
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सूर्यौदय |
28 Oct 2025 06:47:27 |
सूर्यास्त |
28 Oct 2025 17:40:48 |
चंद्रोदय |
28 Oct 2025 12:40:40 |
चंद्रस्थ |
28 Oct 2025 22:42:06 |
योग |
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सुकर्मा |
27 Oct 2025 07:26:21 से 28 Oct 2025 07:50:28 तक |
धृति |
28 Oct 2025 07:50:29 से 29 Oct 2025 07:50:46 तक |
शुभ काल |
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अभिजीत मुहूर्त |
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अमृत काल |
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ब्रह्म मुहूर्त |
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अशुभ काल |
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राहू |
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यम गण्ड |
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कुलिक |
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दुर्मुहूर्त |
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वर्ज्यम् |
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