॥ श्री नवनाग नाम स्तोत्र ॥
॥ Shri Navnag Naam Stotra ॥
॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम् ।
शङ्खपालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा ॥ १॥
एतानि नवनामानि नागानां च महात्मनाम् ।
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः ॥ २॥
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत् ॥ ३॥
॥ इति श्री नवनाग नाम स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥
स्थान |
अमृतसर, पंजाब, भारत |
तिथि |
|
वार |
मंगलवार |
नक्षत्र |
|
सूर्यौदय |
28 Oct 2025 06:47:27 |
सूर्यास्त |
28 Oct 2025 17:40:48 |
चंद्रोदय |
28 Oct 2025 12:40:40 |
चंद्रस्थ |
28 Oct 2025 22:42:06 |
योग |
|
सुकर्मा |
27 Oct 2025 07:26:21 से 28 Oct 2025 07:50:28 तक |
धृति |
28 Oct 2025 07:50:29 से 29 Oct 2025 07:50:46 तक |
शुभ काल |
|
अभिजीत मुहूर्त |
|
अमृत काल |
|
ब्रह्म मुहूर्त |
|
अशुभ काल |
|
राहू |
|
यम गण्ड |
|
कुलिक |
|
दुर्मुहूर्त |
|
वर्ज्यम् |
|