॥ श्री पार्वती स्तोत्र ॥
॥ Shri Parvati Stotra ॥
॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥
विबुधाधिपतेजिनीशकान्ते वदनाभाजितयामिनीशकान्ते ।
नवकुन्दविराजमानदन्ते नलिनाभं प्रणमाम्यहं पदं ते ॥ १ ॥
विकचाम्बुरुहां विलासचोरैरतिशीतैः प्रवहद्दयाम्बुपूरैः ।
शशिशेखरचित्तनृत्तरङ्गैस्तरसालोकय देवि मामपाङ्गैः ॥ २ ॥
अवनीधरनायकस्य कन्ये कृपणं मां परिपालयातिधन्ये ।
विधिमाधववासवादिमान्ये द्रुतमुन्मूलितभक्तलोकदैन्ये ॥ ३ ॥
कुचनिन्दितशातकुम्भशैले मणिकाञ्चीवलयोल्लसद्दुकूले ।
परिपालय मां भवानि बाले त्रिजगद्रक्षणजागरूकलीले ॥ ४ ॥
स्वरुचा जिततप्तशातकुम्भे कचशोभाजितकालमेघडम्भे ।
परिपालय मां त्रसन्निशुम्भे मकुटोल्लासिसुधामयूखडिम्भे ॥ ५ ॥
कुसुमायुधजीवनाक्षिकोणे परितो मामव पद्मरागशोणे ।
स्मरवैरिवशीकृतप्रवीणे चरणाब्जानतसत्क्रियाधुरीणे ॥ ६ ॥
गिरिजे गगनोपमावलग्ने गिरितुङ्गस्तनगौरवेण भुग्ने ।
वस मे हृदये तवाङ्गलग्ने तव संदर्शनमोदसिन्धुमग्ने ॥ ७ ॥
सकलोपनिषत्सरोजवाटीकलहंस्यास्तव मे कवित्वधाटी ।
कृपयाविरभूदियं तु पेटी वहतु त्वद्गुणरम्यरत्नकोटीः ॥ ८ ॥
॥ इति श्री पार्वती स्तोत्रं संपूर्णम् ॥
स्थान |
अमृतसर, पंजाब, भारत |
तिथि |
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वार |
शुक्रवार |
नक्षत्र |
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सूर्यौदय |
02 May 2025 05:48:28 |
सूर्यास्त |
02 May 2025 19:06:56 |
चंद्रोदय |
02 May 2025 09:28:39 |
चंद्रस्थ |
03 May 2025 00:30:40 |
योग |
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धृति |
02 May 2025 05:38:28 से 03 May 2025 03:19:41 तक |
शूल |
03 May 2025 03:19:42 से 04 May 2025 01:40:41 तक |
शुभ काल |
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अभिजीत मुहूर्त |
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ब्रह्म मुहूर्त |
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अशुभ काल |
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राहू |
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यम गण्ड |
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कुलिक |
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दुर्मुहूर्त |
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वर्ज्यम् |
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