॥ श्री राहु कवचम् ॥
॥ Shri Rahu Kavach ॥
॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥
ॐ अस्य श्रीराहुकवचस्तोत्रमन्त्रस्य चन्द्रमा
ऋषिः, अनुष्टुप्छन्दः, रां बीजम्, नमः शक्तिः,
स्वाहा कीलकम्, राहुकृत पीडानिवारणार्थे, धनधान्य,
आयुरारोग्य आदि समृद्धि प्राप्तयर्थे जपे विनियोगः ॥
प्रणमामि सदा राहुं शूर्पाकारं किरीटिनम् ।
सैंहिकेयं करालास्यं लोकानामभयप्रदम् ॥ १॥
नीलाम्बरः शिरः पातु ललाटं लोकवन्दितः ।
चक्षुषी पातु मे राहुः श्रोत्रे त्वर्धशरिरवान् ॥ २॥
नासिकां मे धूम्रवर्णः शूलपाणिर्मुखं मम ।
जिह्वां मे सिंहिकासूनुः कण्ठं मे कठिनाङ्घ्रिकः ॥ ३॥
भुजङ्गेशो भुजौ पातु नीलमाल्याम्बरः करौ ।
पातु वक्षःस्थलं मन्त्री पातु कुक्षिं विधुन्तुदः ॥ ४॥
कटिं मे विकटः पातु ऊरू मे सुरपूजितः ।
स्वर्भानुर्जानुनी पातु जङ्घे मे पातु जाड्यहा ॥ ५॥
गुल्फौ ग्रहपतिः पातु पादौ मे भीषणाकृतिः ।
सर्वाण्यङ्गानि मे पातु नीलचन्दनभूषणः ॥ ६॥
राहोरिदं कवचमृद्धिदवस्तुदं यो भक्त्या
पठत्यनुदिनं नियतः शुचिः सन् ।
प्राप्नोति कीर्तिमतुलां श्रियमृद्धिमायु-
रारोग्यमात्मविजयं च हि तत्प्रसादात् ॥ ७॥
॥ इति श्री राहु कवचं सम्पूर्णम् ॥
स्थान |
अमृतसर, पंजाब, भारत |
तिथि |
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वार |
शुक्रवार |
नक्षत्र |
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सूर्यौदय |
09 May 2025 05:42:32 |
सूर्यास्त |
09 May 2025 19:11:47 |
चंद्रोदय |
09 May 2025 16:25:48 |
चंद्रस्थ |
10 May 2025 04:03:30 |
योग |
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वज्र |
09 May 2025 01:56:42 से 10 May 2025 02:57:42 तक |
सिद्धि |
10 May 2025 02:57:43 से 11 May 2025 04:00:52 तक |
शुभ काल |
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अभिजीत मुहूर्त |
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अमृत काल |
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ब्रह्म मुहूर्त |
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अशुभ काल |
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राहू |
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यम गण्ड |
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कुलिक |
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दुर्मुहूर्त |
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वर्ज्यम् |
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